क्या पश्चिमी देशों में रहने वाले मुसलमान को चाँद देखने के लिए समिति गठित कर लेना चाहिए
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क्या गैर-इस्लामी देशों में रहने वाले मुसलमानों के लिए एक ऐसी समिति गठित करना जायज़ है जो रमज़ान, शव्वाल और ज़ुल-हिज्जा के चाँद को साबित करे या ऐसा करना जायज़ नहीं है ?
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
गैर-इस्लामी देशों में मौजूद मुसलमानों के लिए ऐसी समिति गठित करना जायज़ है जो रमज़ान, शव्वाल और ज़ुल-हिज्जा के चाँद को साबित करने की ज़िम्मेदारी निभाए।