विश्वास का संकट | जानने अल्लाह

विश्वास का संकट


Site Team



आज की दुनिया में बुराई का अनुपात अच्छाई के मुक़ाबले में लगातार बढ़ रहा है और समाज में विश्वास का संकट पैदा हो रहा है।

बाप ने अपने बच्चे से कहा, ‘‘झूठ मत बोलो।’’ फिर अगर कोई मिलने आता है, तो ख़ुद कहता है कि कह दो, ‘‘घर पर नहीं हैं।’’ शिक्षक कहता है, ‘‘ईमानदार बनो।’’ मगर ख़ुद क्लास नहीं लेता। नेता कहता है, ‘‘अपने देश के लिए कु़रबानी दो।’’ और वह ख़ुद देश के हितों को अपने हित पर कु़रबान कर रहा है। इन परिस्थितियों में नई पीढ़ी के सामने कोई ‘आदर्श प्रतिरूप’ (Role Model) या ‘आदर्श लक्ष्य’ नहीं है। नतीजा यह होता है कि वह स्वार्थ तथा भोग-विलास और मनोरंजन (Entertainment and Fun) को ही अपना आदर्श बना लेती है। कथनी और करनी का यह विरोधाभास विश्वास के संकट (Trust Crisis) का कारण बन गया है। लेकिन एकेश्वरवाद ही एक ऐसी विचारधारा है जो इस बीमारी को ख़त्म कर सकती है, क्योंकि एकेश्वरवाद का माननेवाला जानता है कि अल्लाह उससे कहता है—

‘‘वह बात क्यों कहते हो, जो करते नहीं।’’ (क़ुरआन, 61:3)

Previous article Next article

Related Articles with विश्वास का संकट

  • मुझे मुसलमान होने के लिए क्या-क्या करना है?

    Site Team

    मुसलमान होने के लिए इन छह स्तंभों पर ईमान लाना होगा : अल्लाह तआला पर तथा इस बात पर विश्वास रखना कि वह सृष्टिकर्ता,

    17/01/2025 8
  • इस्लाम यह है कि

    Site Team

    आप इस बात पर विश्वास रखें कि इस सुष्टि और इस में मौजूद चीज़ों का एक उत्पत्तिकर्ता और रचयिता है, जो एकमात्र अल्लाह

    13/03/2013 3368
  • इस्लाम यह है कि - 4

    Site Team

    आप यह विश्वास रखें कि अल्लाह ने आदम को मिट्टी से पैदा किया है और वह सर्व प्रथम मानव हैं। अल्लाह ने उन्हें सन्तान

    13/03/2013 5013
जानने अल्लाहIt's a beautiful day