उसने सूद पर आधारित क़र्ज लिया और अपने भाई को हज्ज करने के लिए दे दिया | जानने अल्लाह

उसने सूद पर आधारित क़र्ज लिया और अपने भाई को हज्ज करने के लिए दे दिया


Site Team

किया। मेरा बैंक में कुछ पैसा था, किंतु मैं ने उसे सुरक्षित रखना पसंद किया, क्योंकि मैं डर रही थी कि मुझे उसकी और अधिक महत्वपूर्ण चीज़ों में ज़रूरत पड़ सकती है। अतः मैं ने बैंक से क़र्ज़ लेकर अपने भाई की मदद कर दी। मेरा प्रश्न यह है कि उस भलाई के करने का हुक्म क्या है जो मैं ने करनी चाही है ? और क्या मुझे इसमें कोई पुण्य मिलेगा ? या चूँकि बैंक से क़र्ज़ लेना हराम है इसलिए इस काम में मुझे कोई नेकी नहीं मिलेगी ? और मेरे भाई के हज्ज के बारे में क्या हुक्म है, क्या वह सही है जबकि वह पैसे के स्रोत के बारे में ज़िम्मेदार नहीं है ?



हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

सर्व प्रथम :

हज्ज की अदायगी में भाई या किसी और की मदद के लिए पैसा खर्च करना नेकी के महान कार्यों में से है ; क्योंकि यह इस महान आज्ञाकारिता की अदायगी पर मदद करना है, जिस पर पदों को ऊँचा करना और पापों को मिटाना निष्कर्षित होता है। लेकिन यह जायज़ नहीं है कि यह मदद आपके अल्लाह तआला की हराम की हुई चीज़ में पड़ने का कारण बने, जैसे कि सूदी बैंक से क़र्ज़ लेना, क्योंकि सूद का मामला बहुत गंभीर है, और इसके बारे में ऐसी धमकी और चेतावनी आई है जो इसके अलावा गुनाहों और अवहेलनाओं में नहीं आई है।

तथा इसकी जानकारी के लिए प्रश्न संख्या (6847) और (9054) देखें।

आपको चाहिए कि सूद का लेनदेन करने से अल्लाह के समक्ष पश्चाताप (तौबा) करें।

तथा इस बात को भी अच्छी तरह जान लें कि सूदी बैंक में पैसा जमा करना जायज़ नहीं है सिवाय इसके कि आपको पैसे पर भय हो और कोई इस्लामी बैंक मौजूद न हो, और उस समय ज़रूरी है कि आप ऐसे खाता में पैसा जमा करें जो सूद वाला न हो। क्योंकि शरीअत के प्रमाणित नियमों में से है किः ‘‘ ज़रूरतें निषिद्ध चीज़ों को वैध कर देती हैं।’’ और यह नियम भी है कि: ‘‘ज़रूरत का अनुमान ज़रूरत की सीमा तक ही किया जाएगा।’’

दूसरा :

आपके भाई का हज्ज इन शा अल्लाह सही (मान्य) है, क्योंकि उसने आप से वैध तरीक़े से पैसा लिया है, अर्थात या तो दान के रूप में, या उपहार के तौर पर या अच्छे क़र्ज़ के रूप में।

कुछ विद्वान इस बात की ओर गए है कि वह धन जिसे इन्सान ने हराम (निषिद्ध) तरीक़े - जैसे सूद - से कमाया (प्राप्त किया) है, वह केवल उसके अर्जित करने वाले पर हराम है, और उस व्यक्ति पर हराम नहीं है जिसने इसके बाद उससे वैध तरीक़े से लिया है जैसे बिक्री, उपहार और इसके समान अन्य चीज़ें। तथा प्रश्न संख्या (45018) के उत्तोर में इसका वर्णन हो चुका है।

अतः निषेध का हुक्म इस बात पर लागू होता है कि आप ने सूद पर क़र्ज़ लिया है, आपके भाई पर लागूनहीं जाता है।

अल्लाह तआला हमें और आपको उस चीज़ की तौफीक़ प्रदान करे जिससे वह प्यार करता है और प्रसन्न होता है।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
Previous article Next article

Related Articles with उसने सूद पर आधारित क़र्ज लिया और अपने भाई को हज्ज करने के लिए दे दिया

जानने अल्लाहIt's a beautiful day