पवित्र एवं महान अल्लाह
इस संसार का एक पालनहार एवं रचयिता है। उसके बहुत-से महान नाम और गुण हैं, जो उसकी संपूर्णता को दर्शाते हैं। अल-ख़ालिक़ (रचयिता), अल-राज़िक़ (रोज़ी देने वाला), अल-करीम (उदार) एवं अल्लाह आदि उसके नाम हैं। अल्लाह उसका सबसे प्रसिद्ध नाम है। अल्लाह का अर्थ है, ऐसी हस्ती जो अकेले इबादत की हक़दार हो और उसका कोई साझी न हो।
उच्च एवं महान अल्लाह ने पवित्र क़ुरआन में कहा है :
﴿قُلۡ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ (आप कह दीजिए (ऐ रसूल!) : वह अल्लाह एक है।* ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ अल्लाह पूर्ण संप्रभु और बेनियाज़ है।*لَمۡ یَلِدۡ وَلَمۡ یُولَدۡ न उसकी कोई संतान है और न वह किसी की संतान है।*وَلَمۡ یَكُن لَّهُۥ كُفُوًا أَحَدُۢ﴾ और न उसके बराबर कोई है।)
[112 : 1-4]
एक अन्य स्थान में अल्लाह तआला ने कहा है :
﴿اللَّهُ لا إِلَهَ إِلَّا هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ لا تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلا نَوْمٌ لَهُ مَا فِي السَّمَوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ مَنْ ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلَّا بِإِذْنِهِ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلا يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلَّا بِمَا شَاءَ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَوَاتِ وَالأَرْضَ وَلا يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ﴾ (अल्लाह (वह है कि) उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। (वह) जीवित है, स्वयं से स्थिर रहने वाला और हर चीज़ को सँभालने (क़ायम रखने) वाला है। न उसे कुछ ऊँघ पकड़ती है और न नींद। उसी का है जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है। कौन है, जो उसके पास उसकी अनुमति के बिना अनुशंसा (सिफ़ारिश) करे? वह जानता है जो कुछ उनके सामने और जो कुछ उनके पीछे है। और वे उसके ज्ञान में से किसी चीज़ को (अपने ज्ञान से) नहीं घेर सकते, परंतु जितना वह चाहे। उसकी कुर्सी आकाशों और धरती को व्याप्त है और उन दोनों की रक्षा उसके लिए भारी नहीं है। और वही सबसे ऊँचा, सबसे महान है।)
[2 : 255]