मुझे किसने और क्यों पैदा किया?दुनिया की हर चीज़ पैदा करने वाले के अस्तित्व का प्रमाण प्रस्तुत करती है
किसने आकाशों, धरती और उनके बीच मौजूद अनगिनत बड़ी-बड़ी सृष्टियों को पैदा किया है?
आकाश एवं धरती की यह सटीक एवं सुदृढ़ व्यवस्था किसने स्थापित की?
किसने इन्सान को पैदा किया, उसे सुनने एवं देखने की शक्ति दी, बुद्धि-विवेक दिया और ज्ञान एवं तथ्यों को समझने में सक्षम बनाया?
आपके तथा अन्य जीवित प्राणियों के शरीर की प्रणालियों की इस सूक्ष्म कारीगरी की व्याख्या आप कैसे करेंगे? इनको इतने शानदार अंदाज़ में किसने पैदा किया?
यह महान ब्रह्माण्ड अपने सूक्ष्म नियतों के साथ इतने लंबे समय से कैसे व्यवस्थित एवं स्थिर रूप में चल रहा है?
इस संसार को नियंत्रित करने वाली प्रणालियों (जीवन और मृत्यु, प्राणियों का प्रजनन, दिन और रात, ऋतुओं का परिवर्तन, आदि) की स्थापना किसने की?
क्या इस संसार ने खुद अपनी रचना कर ली है? यह अनस्तित्व से अस्तित्व में आ गया है? यह सब कुछ संयोग मात्र से बन गया है?
इन्सान ऐसी चीज़ों के अस्तित्व पर विश्वास क्यों रखता है, जिन्हें वह देख नहीं सकता? जैसे : (एहसास, विवेक, आत्मा, भावनाएँ और प्रेम)। क्या इसलिए नहीं कि वह इनके प्रभावों को देखता है? ऐसे में भला वह इस विशाल संसार के स्रष्टा के अस्तित्व का इनकार कैसे कर सकता है, जबकि वह उसकी सृष्टियों, शिल्पकारी और दया के प्रभावों को अपनी आँखों से देख रहा है?
कोई भी विवेकी व्यक्ति से यदि यह कहा जाए कि यह भवन किसी के बनाए बिना अपने आप बन गया है, तो वह मानने को तैयार नहीं होगा। ऐसे में, वह कुछ लोगों के इस दावे को कैसे मान सकता है कि यह विशाल संसार किसी रचयिता के बिना ही सामने आ गया है। कोई समझदार व्यक्ति कैसे मान सकता है कि यह सूक्ष्म व्यस्था एक संयोग मात्र से स्थापित हो गई है।
अल्लाह तआला ने कहा है :
(أَمۡ خُلِقُواْ مِنۡ غَيۡرِ شَيۡءٍ أَمۡ هُمُ ٱلۡخَٰلِقُونَ، أَمۡ خَلَقُواْ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضَۚ بَل لَّا يُوقِنُونَ). (क्या वे बिना किसी के पैदा किए पैदा हो गए हैं या वे स्वयं ही अपने स्रष्टा हैं? या उन्होंने आकाशों और धरती को पैदा किया है? वास्तव में, वे विश्वास ही नहीं रखते।)
[52 : 32].