अब्दुल मुत्तलिब की मन्नत | जानने अल्लाह

अब्दुल मुत्तलिब की मन्नत


Site Team

जब कुँआ दुबारा खोद दिया गया, तो उनकी क़ौम ने उसमें हिस्सा बटा लिया। इस पर उन्हें कमज़ोरी और अत्याचार का आभास हुआ। क्योंकि उनकी क़ौम उस कुँआ में जिसे उन्हों ने खोदा था साझेदार बन गर्इ थी, इसलिए कि हारिस के अलावा उनकी कोर्इ संतान नहीं थी। अतः अब्दुल मुत्तलिब ने अपने दोनों हाथों को आसमान की ओर उठाकर अल्लाह से यह प्रार्थना की कि उन्हें दस बेटे प्रदान करे, और यह मन्नत मानी कि यदि अल्लाह तआला ने उन्हें दस बेटे प्रदान कर दिए तो वह अल्लाह की निकटता प्राप्त करने के लिए उनमें से एक बेटे को क़ुर्बान कर देंगे। नि:संदेह यह इस्लाम से पूर्व का मामाला है, और अब्दुल मुत्तलिब इस बात को नहीं जानते थे कि संतान की बलि देना हराम है, बल्कि वह अपने पास मौजूद सबसे क़ीमती चीज़ – अपने बेटे की बलि देकर अल्लाह की निकटता प्राप्त करना चाहते थे।

Previous article Next article

Related Articles with अब्दुल मुत्तलिब की मन्नत

  • ज़मज़म के कुँआ की कहानी

    Site Team

    साल गुज़रते गए, सलमा बिन्त अम्र ने अब्दुल मुत्तलिब बिन हाशिम यानी नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दादा को जन्म

    20/05/2013 3449
  • अब्दुल्लाह का फिद्या

    Site Team

    अब्दुल मुत्तलिब चिंता में पड़ गए कि क्या करें? क़ुर्आ उनके सबसे चहेते और सबसे छोटे बेटे अब्दुल्लाह के नाम पर

    21/05/2013 2746
  • अब्दुल्लाह की शादी की कहानी

    Site Team

    अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुत्तलिब बड़े होगए। वह क़ुरैश के युवाओं में सबसे सम्मानित, सबसे श्रेष्ठ नैतिकता वाले, और

    21/05/2013 2886
जानने अल्लाहIt's a beautiful day